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Sunday, May 24, 2020

SHRI KRISHNA GOVIND HARE MURARI HEY NATH NARAYAN VASUDEV



अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं,
जानकी नायकं रामचंद्रम भजे।

अच्युतम केसवं सत्य भामधावं,
माधवं श्रीधरं राधिका अराधितम,
इंदिरा मन्दिरम चेताना सुन्दरम,
देवकी नंदना नन्दजम सम भजे।

विष्णव जिष्णवे शंखिने चक्रिने,
रुकमनी रागिने जानकी जानए,
वल्लवी वल्लभा यार्चिधा यात्मने,
कंस विध्वंसिने वंसिने ते नमः।

कृष्ण गोविन्द हे राम नारायणा,
श्री पते वासु देवा जीता श्री निधे,
अच्युतानंता हे माधव अधोक्षजा,
द्वारका नायका, द्रोपधि रक्षक।

राक्षस क्शोबिता सीताया शोभितो,
दंडा करण्या भू पुण्यता कारणा,
लक्ष्मना नान्वितो वानरी सेवितो,
अगस्त्य संपूजितो राघव पातु माम।

धेनु कृष्टको अनिष्ट क्रुद्वेसिनाम,
केसिहा कंस ह्रुद वंसिका वाधना,
पूतना नसाना सूरज खेलनो,
बाल गोपलका पातु माम सर्वदा।

विध्यु दुध्योतवत प्रस्फुरा द्वाससम,
प्रोउद बोधवल्  प्रोल्लसद विग्रहं,
वन्याय मलय शोभि थोर स्थलं,
लोहिन्तङ्ग्रि द्वयम् वारीजक्षं भजे।

कन्चितै कुण्डलै ब्रज मानानानां,
रत्न मोउलिं लसद कुण्डलं गण्डयो,
हार केयुरगं कङ्कण प्रोज्वलम्,

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